बिहार राज्य में वर्ष 2025 में पिछले महीना से भूमि सर्वेक्षण का कार्य सक्रिय है। भूमि सर्वेक्षण के दौरान भूमि के निजी स्वामित्व का रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज करवाया जा रहा है साथ में विवादित संबंधित सभी प्रकार की समाधान भी इस सर्वेक्षण के दौरान पूरे किए जा रहे हैं।
बिहार भूमि सर्वेक्षण के दौरान बिहार राज्य सरकार के द्वारा जमीन की रजिस्ट्री के लिए भी नई नियमावली को जारी कर दिया है जिसमें पिछले समय से इस समय में काफी संशोधन किए गए हैं। बता दे कि अब राज्य में जमीन रजिस्ट्री करवाना काफी आसान हो चुका है।
अगर आप भी अपनी नई खरीदी हुई जमीन की रजिस्ट्री करवाने जा रहे हैं या फिर पुरानी विवादित जमीनों का निराकरण या प्रमाणीकरण करवाने वाले हैं तो आपके लिए बिहार जमीन रजिस्ट्री से संबंधित कुछ नए नियमों की जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।
Bihar Jamin Registry New Rules
बिहार राज्य में जमीन रजिस्ट्री को लेकर नए नियम के रूप में यह लागू किया गया है कि निजी भूमि के स्वामित्व के लिए अपने ऑनलाइन जमीन की रिकॉर्ड के साथ अपना आधार कार्ड लिंक करवाना अनिवार्य होगा ताकि स्वामित्व की पहचान स्पष्ट रूप से की जा सके।
ऐसे व्यक्ति जो अपने भूमि के रिकॉर्ड में आधार कार्ड लिंक नहीं करवाते हैं उनके लिए आगामी समय में जमीन बेचने या फिर खरीदने में काफी दिक्कत आएगी साथ में ही उनकी रजिस्ट्री किसी भी प्रकार से संभव नहीं हो सकेगी। राज्य सरकार की इसी चेतावनी के चलते अब कृषकों के द्वारा अपनी जमीनों के रिकॉर्ड में आधार कार्ड तेजी से लिंक किया जा रहा है।
बता दे कि अपनी भूमि की रिकॉर्ड में आधार कार्ड लिंक करवाने की प्रक्रिया जटिल नहीं है बल्कि आप अपने हल्का के पटवारी या फिर कंप्यूटर सेंटर पर जाकर अपनी भूमि के नंबर के आधार पर अपना आधार कार्ड लिंक आसानी से करवा सकते हैं।
जमीन रजिस्ट्री नए नियमों की जानकारी
बिहार राज्य सरकार के द्वारा जमीन रजिस्ट्री के लिए बनाए गए नए नियमों के कारण निम्न प्रकार से है :-
- जमीन की रजिस्ट्री या प्रमाणीकरण में किसी भी प्रकार की समस्या ना आए।
- जमीन के स्वामित्व को पहचानने में किसी भी प्रकार का विवाद ना हो सके।
- आधार कार्ड नंबर से आसानी से जमीन का रिकॉर्ड निकाला जा सके।
- जमीनी रजिस्ट्री का कार्य पहले की तुलना में सरल बनाया जा सके।
गवाहों का सत्यापन अनिवार्य
जमीन की रजिस्ट्री के दौरान नए नियमों के तहत आधार लिंक करवाना तो आवश्यक होगा ही साथ में रजिस्ट्री के समय पर दो गवाहों के सत्यापन भी अनिवार्य किए गए हैं। अर्थात जिस व्यक्ति के नाम पर जमीन की जाती है उसके गवाह भी प्रत्यक्ष रूप से होने अनिवार्य होंगे जिसके बाद ही रजिस्ट्री का कार्य पूरा हो सकेगा।
जमीनी रजिस्ट्री के लिए शुल्क
बिहार राज्य में भूमि सर्वेक्षण के दौरान जमीन रजिस्ट्री करवाने के लिए सरकारी नियम अनुसार शुल्क का निर्धारण भी किया गया है। यह शुल्क सामान्य तौर पर प्रति एक एकड़ के लिए ₹25 हजार तक हो सकता है। इसके अलावा इसके संबंध में अधिक डिटेल अपने नजदीकी सरकारी कार्यालय से जान सकते हैं।