एक लंबे समय से ही बिहार में रजिस्ट्री से जुड़े हुए नियमों के बारे में चर्चाओं का बाजार तेज चल रहा है क्योंकि बिहार राज्य में आए दिन भूमि संबंधित विवादों की संख्या बढ़ती हुई दिखाई दे रही थी परंतु इन्हीं विवादों की समस्याओं को समाप्त करने के लिए बिहार सरकार के द्वारा रजिस्ट्री संबंधित नियमों में परिवर्तन किया जाना है।
यदि आप सभी नागरिक भी बिहार राज्य के मूल निवासी हैं तो फिर आप सभी व्यक्तियों को भी रजिस्ट्री से जुड़ी हुई नए नियम में किए जाने वाले परिवर्तनों के बारे में जानना चाहिए ताकि जब कभी आप जमीन की बेंच या खरीददारी करे तो आपको रजिस्ट्री संबंधित नियमों के बारे में पता हो और आपको रजिस्ट्री संबंधित ज्यादा समस्याओं का सामना न करना पड़े।
आप सभी को बताते चलें कि बिहार सरकार के द्वारा भूमि विवादों को कम करने के लिए नए उपाय किए गए हैं और जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को बदलने के लिए भी एक बड़ा कदम उठाया गया है ताकि अब राज्य की जमीन की खरीदी और बिक्री पेपरलेस हो जाएगी साथ में राज्य के कुछ क्षेत्रों में पेपरलेस प्रक्रिया को शुरू भी किया जा चुका है तो आइए रजिस्ट्री के नए नियमों के बारे में विस्तार से जानतेहैं।
Bihar Jamin Registry New Rules
बिहार सरकार के द्वारा जमीन रजिस्ट्री से संबंधित नए नियम इसलिए ले गए हैं ताकि बिहार राज्य में जमीन रजिस्ट्री से जुड़ी हुई प्रक्रिया को सुविधाजनक अपेक्षाकृत सरल एवं पारदर्शी बनाया जा सके ताकि राज्य में बढ़ रहे भूमि संबंधित विवादों को रोका जा सके। सरकार के दौरान रजिस्ट्री से जुड़े नए नियम लाने से अब जमीन की खरीदी बिक्री पूरी तरह से पेपरलेस होगी।
राज्य में जमीन की खरीदी और बिक्री पूरी तरह से पेपरलेस हो जाने के कारण अब आम नागरिकों को भी जमीन की रजिस्ट्री करने में कठिनाई नहीं होगी और उन्हें रजिस्ट्री करवाने में सुविधा मिलेगी। यदि आप भी राज्य में जमीन खरीदते है या फिर बेचते हैं तो आपको भी संबंधित नए नियमों को फॉलो करना होगा और इस आर्टिकल में हम आपको रजिस्ट्री से जुड़े नए नियम के बारे में बताने जा रहे हैं तो आप इस आर्टिकल में जुड़े रहे।
रजिस्ट्री प्रक्रिया होगी शुरू
बताते चलें कि वर्तमान समय में अभी बिहार राज्य में रजिस्ट्री की प्रक्रिया को शुरू नहीं करवाया गया है हालांकि 1 अप्रैल 2025 से राज्य के सभी 137 रजिस्ट्री कार्यालय में पेपरलेस रजिस्ट्री की प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा एवं ऐसा हो जाने से संबंधित प्रक्रिया में पारदर्शिका और सुविधा होगी।
इसके अलावा नई रजिस्ट्री प्रक्रिया के आ जाने से सबसे बड़ा लाभ यही होगा कि अब से व्यक्तियों को रजिस्ट्री की प्रक्रिया के लिए सरकारी दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे ऐसा इसलिए संभव हो पाया है क्यों रजिस्ट्री की प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी जिससे लोगों के समय की भी बचत की जा सकती है।
जमीन रजिस्ट्री नियमों के महत्व
- जमीन रजिस्ट्री में ऑनलाइन प्रक्रिया और वेरिफिकेशन से पारदर्शिता बढ़ जाएगी।
- सटीक सत्यापन के माध्यम से संबंधित विवादों में कमी होगी।
- रजिस्ट्री प्रक्रिया ऑनलाइन होने से समय की बचत होगी।
- भ्रष्टाचार की संभावना पूर्णतः कम हो जाएगी।
- इलेक्ट्रॉनिक स्टेपिंग से लेनदेन अपेक्षाकृत सुरक्षित रहेगा।
त्वरित रकवा होगा घटित
बिहार सरकार के द्वारा लागू की गई जमीन रजिस्ट्री की नई प्रक्रिया के माध्यम से अब जमीन बेचने वाले की रखवाली की तुरंत कटौती की जाएगी यानी कि जो भी भूमि मालिक अपनी जमीन की प्रक्रिया करेगा तो फिर विक्रेता के हिस्से की जमीन तुरंत कम हो जाएगी और खरीददार की नाम पर जमीन की जमाबंदी तैयार हो जाएगी।
रजिस्ट्री संबंध से नई प्रक्रिया के लागू हो जाने से फर्जीवाड़ी की घटनाओं से भी बचा जा सकेगा और फर्जीवाड़ी की घटनाओं पर रोक लग जाएगी साथ में इसका सबसे बड़ा लाभ यही है कि एक बार जमीन को बेच देने के बाद में विक्रेता एक उसी जमीन को दोबारा कहीं और नहीं बेच पाएंगे।
जमीन रजिस्ट्री हेतु आवश्यक दस्तावेज
नई रजिस्ट्री नियम के अनुसार आप सभी व्यक्तियों के पास में रजिस्ट्री करने के लिए निम्न दस्तावेज होने चाहिए :-
- आधार कार्ड
- नक्शा (भूमि मानचित्र)
- जमाबंदी (भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- संपत्ति कर रशीद
- पैन कार्ड
- बैंक अकाउंट डिटेल्स
- मोबाइल नंबर आदि।
भ्रष्टाचार में आएगी कमी
रजिस्ट्री की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है और रजिस्ट्री भीम ऑनलाइन हो जाने से सरकारी दफ्तर में पारदर्शिता आ जाना तो सुनिश्चित है ही साथ में भ्रष्टाचार में भी कमी आ जाएगी क्योंकि स्टांप वेंडर की बेरोजगारी की समस्या खत्म होगी।
मैनुअल काम की जगह सभी कर ऑनलाइन पूरे होंगे जिससे स्टांप वेंडर की आजीविका बनी रहेगी और उनको रोजगार मिलता रहेगा जिससे लोगों को रजिस्ट्री करने में सुविधा मिलेगी और बेंडर्स को रोजगार मिलेगा।
जमीन रजिस्ट्री नए नियम के लाभ
- सरकारी रजिस्ट्री कार्यालय में भीड़ की कमी होगी।
- ऑनलाइन प्रक्रिया होने से रजिस्ट्री की प्रक्रिया जल्द होगी और समय बचत होगी।
- सभी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन करने से पारदर्शिता बढ़ जाएगी।
- पेपरलेस कार्रवाई होने से कागजी कार्रवाई का खर्च बच जाएगा।
- डिजिटल प्रक्रिया से लेनदेन में धोखाधड़ी की संभावना कम होगी और वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।