सरकार के द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए एक बहुत बड़ी सौगात दी गई है जिससे अब राजस्थान के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी सामने निकल कर रही है और राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री के निर्देश पर पहले कार्य दिवस पर ही राज्य के कर्मचारियों के लिए राहत उपलब्ध कराई गई है।
बीते मंगलवार के दिन ही वित्त विभाग के प्रस्ताव को सरकार के द्वारा औपचारिक रूप से स्वीकृति प्रदान की गई है जिसके परिणाम स्वरुप सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत राज्य के कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को अब 1 जनवरी 2025 के बाद से 55 प्रतिशत डीए/डीआर मिलने वाला है जो केवल अब तक 53 प्रतिशत के आधार पर प्राप्त हो रहा था।
राजस्थान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जी के द्वारा अपने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में दो प्रतिशत की वृद्धि करने को लेकर घोषणा की गई है और सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि करने के साथ-साथ राज्य के पेंशनभोगियों को भी महंगाई राहत (DR) में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिलेगी यानी कि राजस्थान सरकार के द्वारा लिया गया आया है फैसला कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के लिए लाभदायक सिद्ध होने वाला है।
DA Hike 2025
वित्त विभाग के प्रस्ताव को औपचारिक रूप से मंजूरी दी गई थी जिसे अब राज्य के कर्मचारियों को पहले की अपेक्षा अधिक डीए/डीआर प्राप्त होगा और राजस्थान सरकार के द्वारा लिए गए स्पेशलिस्ट पंचायत समितियां और जिला परिषदों के अंतर्गत काम करने वाले लोगों को लाभ प्राप्त होगा।
आप सभी की जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान सरकार के द्वारा महंगाई भत्ता और महंगाई राहत में वृद्धि करने के कारण अब पंचायत समितियों और जिला परिषदों के तहत काम करने वाले लगभग 8 लाख कर्मचारियों को लाभ प्राप्त होगा और इसके साथ-साथ 4.4 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा।
पेंशनभोगियों को बढ़ा हुआ डीआर नकद भी मिलेगा
पेंशन भोगियों के बड़े हुए महंगाई भत्ते को राजस्थान सरकार के द्वारा अप्रैल 2025 के वेतन से नगद भुगतान किया जाएगा जो मई 2025 में देय होगा। इसके अलावा जनवरी से लेकर मार्च 2025 तक का बकाया सभी संबंधित कर्मचारियों की सामान्य भविष्य निधि खाते में उपलब्ध करवाया जाएगा और साथ में सभी पेंशन भोगियों को 1 जनवरी 2025 के बाद से बड़ा हुआ डीआर नकद भी प्राप्त होगा।
डीए /डीआर से वार्षिक वित्तीय बोझ पड़ेगा
अधिकारियों के द्वारा ऐसा कहा जा रहा है कि राजस्थान सरकार के द्वारा लिए गए महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत में वृद्धि करने की फैसले से राजस्थान सरकार पर अनुमानित 820 करोड़ रुपए का वार्षिक वित्तीय बोझ पड़ेगा और इसकी पहली शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी को लेकर शुरू कर दी प्रदान की थी और स्वीकृति को मिलने के बाद से करीब 1.15 करोड़ कर्मचारी एवं पेंशन भोगियों को लाभ दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का विचार
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस फैसले को लेकर कहां है कि अब केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 जनवरी 2025 से केंद्र सरकार के अपने सभी केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (डीए) और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत (डीआर) की एक अन्य अतिरिक्त किस्त को भी जारी करने की स्वीकृति प्रदान करती है और अब इसका भी लाभ सीधा उपलब्ध करवाया जाएगा।
48.66 लाख सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
कर्मचारी और पेंशन भोगियों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में वृद्धि हो जाने के कारण अब सरकारी खजाने पर संयुक्त प्रभाव 6614.04 करोड रुपए प्रति वर्ष हो जाएगा। स्पेशलिस्ट इन लगभग 48.66 लाख सरकारी कर्मचारियों को एवं 66.55 लाख से अधिक पेंशन भोगियों को लाभ प्राप्त होने वाला है।
कर्मचारियों की महंगाई भत्ते और पेंशन भोगियों के महंगाई राहत में संशोधन के साथ में अब महंगाई भत्ता 53% से लेकर 55% तक बढ़ चुका है जिससे अपेक्षित 8 वें वेतन आयोग से पहले कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी होगी और जब आठवां वेतन आयोग घटित हो जाएगा तो एक बार फिर से उनके वेतन में वृद्धि देखने को मिला लगभग तय माना जा रहा है।
सरकार के फैसले का प्रभाव
राजस्थान सरकार के द्वारा लिए गए फैसले के प्रभाव के बारे में बात करें तो महंगाई भत्ता की गणना करने के लिए केवल मूल वेतन को ही आधार माना जाता है और इसमें किसी भी प्रकार का कोई भी व्यक्तिगत वेतन या विशेष वेतन शामिल नहीं किया जाता है।
इसके अलावा अगर कहीं महंगाई भत्ता में 50 पैसे या फिर इससे अधिक का अंतर आ जाता है तो फिर इस स्थिति में उसको अगले रुपए में पूर्ण अंकित कर दिया जाता है परंतु 50 पैसे से कम अंश को ध्यान में नहीं रखा जाता है और उसकी नजर अंदाज कर दिया जाता है।