भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा बीते 1 जनवरी 2025 से फिक्स्ड बैंक यानी एफडी के लिए नए नियम लागू किए गए हैं जिसके बारे में आप सभी व्यक्तियों के लिए भी पता होना चाहिए और यह नियम गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और नैनो फाइनेंस कंपनियों पर लागू किए जाएंगे।
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा ले गए नए नियमों का उद्देश्य जमा फॉर्म को अधिक सुविधाजनक एवं सुरक्षा प्रदान करना है और खासतौर पर जब वे अपनी फिक्स्ड बैंक है यानी की एफडी को समय से पहले बेचना चाहते हैं। यह नियम अब वर्तमान समय में प्रभावी हो चुके हैं जिसका संबंधित कंपनियों को पालन करना आवश्यक होगा।
नए दिव्यांग के अंतर्गत छोटे जमा राशियों के लिए प्री-मैक्योर विथड्रॉल की प्रक्रिया पहले की अपेक्षा सुविधाजनक और आसान हो गई है इसके अलावा गंभीर बीमारियों के मामले में टोटल रिसीव ड्रेन की जानकारी दी गई है। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जा चुका है कि जमाकर्ता को उनकी एफडी की जानकारी समय पर प्राप्त हो।
FD New Withdrawal Rules
आरबीआई के नए शेयरों में न्यूनतम ₹10,000 तक की छोटी राशि जमा करने के हेतु अब तीन महीने के अंदर बिना किसी रुचि के जा सकते हैं और यह नया नियम जमा फर्म को अधिक प्लाट उपलब्ध करवाता है और यह नियम तब अधिक प्रभावी होता है जब विशेष रूप से उन्हें अस्थायी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
यदि आपने 1 फरवरी को अपनी ₹8,000 की एफडी को जमा किया है तो फिर आप 30 अप्रैल तक इसे बिना किसी ब्याज दर या फिर बिना किसी पेनल्टी के भुगतान के निकाल सकेंगे। यदि आप आरबीआई के द्वारा जारी किए गए नए विड्रॉल नियम के बारे में जानना चाहते हैं तो लेख को पूरा पढ़ें और सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर ले।
बड़ी जमाराशियों के लिए आंशिक विक्रय
₹10,000 से अधिक जमाराशियों के जमा करने वाला व्यक्ति 3 महीने के अंदर आशिक विवरण कर सकेंगे और इस मामले में जमा करता मूल राशि का 50% या फिर 5 लाख जो भी कम हो उसको निकाल सकेंगे। हालांकि इस शोधार्थी पर कोई रुचि नहीं रहेगी, लेकिन शेष राशि पर मूल दर से रुचि रहेगी।
उदाहरण के तौर पर अगर आपने 12 लाख रुपए की एफडी को जमा किया है तो आप 3 महीने के अंदर ही ₹500000 तक निकल सकते हैं बाकी शेष 7 लाख पर आपको निर्धारित ब्याज दर से प्राप्त होगा।
प्रौद्योगिकी की जानकारी में बदलाव
आरबीआई के द्वारा एनबीएफसी एवं एचएफसी को जमाए एफडी कि ग्राहकों की जानकारी के नियमों में संशोधन किया है और पहले यह सूचना दो महीने पहले दी गई थी लेकिन अब इसे कम से कम 14 दिन पहले देना होगा। यह नियम में किया गया परिवर्तन निवेशकों को आपकी वित्तीय निर्णय लेने में मदद करने के लिए प्रेरित करेगा और निवेशक समय रहते अपनी एफडी को रिन्यू करवा सकेंगे और निकासी का निर्णय ले सकेंगे।
नवीनीकृत का प्रभाव
आरबीआई के नए नियम लाने के कारण नवीनीकृत पर क्या प्रभाव देखने को मिलेगा वह इस प्रकार हो सकता है :-
- पैसा जमा पोर्टफोलियो को अपनी एफडी से निकालने में अधिक ऋण।
- गंभीर बीमारी (आपातकालीन स्थिति) के मामले में वित्तीय सहायता आसानी से उपलब्ध हो सकती है।
- समय-समय पर जानकारी प्राप्त होने से जमाकर्ताओं से बेहतर सुविधाएं मिलेंगी
- छोटे व्यापारियों की सुविधा के लिए वित्तीय जोखिम कम हो जाएगा।
एफडी नया निकासी नियम के फायदे
आप सभी को नए प्रोजेक्ट से जमा पार्टनरशिप पर अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे जो निम्नलिखित है :-
- आपातकालीन स्थिति में पैसे जल्दी निकल जा सकेंगे।
- छोटी जमा राशियों पर कोई भी पेनल्टी नहीं देनी होगी।
- गंभीर बीमारी के मामले में पूरी तरह से स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा रहेगी।
- आपको समय-समय पर जानकारी से वित्तीय सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा।
एफडी नया निकासी नियम के नुकसान
आप सभी को नए नियम में निकासी के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं जो इस प्रकार की हो सकती हैं :-
- नए नियम के कारण प्रारंभिक विक्रेताओं के लिए ब्याज नहीं मिल पाएगा।
- शुरुआती उत्पादकों की सुविधा से लोग एक लंबी अवधि के निवेश से बच सकते हैं।
- सभी बैंकों को अधिक तरलता बनाए रखना पड़ सकता है।
एफडी नए निकासी नियम की
नए लोगों को संबंधित लाभ उठाने के लिए जमा माफिया को नीचे बताई जाने वाली कुछ निम्नलिखित बातों पर ध्यान रखना होगा जो इस प्रकार है :-
- आप अपनी बैंक या एनबीएफसी से नए बैंक नोट की जानकारी को विस्तृत रूप से जान ले।
- गंभीर बीमारी के मामले में आपको अपनी दस्तावेजों को पहले से तैयार करके रखना है।
- आपको अपनी (एफडी वित्तीय योजना) की अवधि पर ध्यान देना होगा।
- आपको एफडी के साथ साथ अन्य निवेश के विकल्प पर भी विचार करना है।